मिचौंग चक्रवात: तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश से आज टकराएगा –आईएमडी
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ ने भयंकर रूप धारण कर लिया है, ‘मिचौंग’ की वजह से भारत के तीन राज्य तमिलनाडु, आंध्रा और ओडिशा हाई अलर्ट पर है, हालांकि सबसे ज्यादा तबाही ये तमिलनाडु और आंध्रा प्रदेश में फैला सकता है।
‘मिचौंग’ का मतलब ताकत और लचीलापन होता है। भारतीय रेल ने चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सुचारु और सुरक्षित रेलवे परिचालन को सुनिश्चित व प्रबंधित करने हेतु अपने पूरे तंत्र को बड़े पैमाने पर तैयार किया है।
चेन्नई मंडल की स्वास्थ् य इकाई ने भी अपनी आपदा प्रबंधन कार्ययोजना तैयार कर ली है और दो टीमों का गठन किया है। टीम ए, जिसमें डॉक्टर और अन्य ऑन-ड्यूटी कर्मचारी शामिल हैं,
संदेश आते ही प्लेटफार्म नंबर 11 पर स्पार्ट में सवार हो जायेगी और आपदा/दुर्घटना स्थल पर प्रभारी अधिकारी को रिपोर्ट करेगी और राहत कार्य शुरू करेगी। टीम बी हताहतों की संख्या की रिपोर्ट करेगी और टीम बी का एक हिस्सा सड़क मार्ग से आगे बढ़ेगा।
किसने रखा ‘मिचौंग’ साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) का नाम और क्यों?
साइक्लोन मिचौंग का नाम म्यांमार ने दिया है। इसका मतलब ताकत और लचीलापन होता है। आपको बता दें कि तूफान ‘मिचौंग’ साल 2023 में बंगाल की खाड़ी का चौथा तूफान है।
सामान्य निर्देश:-
- मुख्य ध्यान जनहानि को रोकने और रेलवे की परिसंपत्तियों को होने वाले नुकसान को कम रखने पर होना चाहिए। इसके लिए, यदि आवश्यक हो, तो मुख्यालय के परामर्श से लक्षित खंड पर सभी ट्रेनों, यात्री और माल ढुलाई, का परिचालन निलंबित किया जा सकता है।
- चक्रवात से पहले/साथ में लगातार बारिश होगी। जिन खंडों पर लगातार बारिश के बावजूद ट्रेनें चलायी जानी हैं, वहां मॉनसून गश्त सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- चक्रवात का खतरा स्पष्ट होते ही बूम को क्षतिग्रस्त होने से बचाने हेतु चक्रवात संभावित खंडों में सभी एलसी गेटों पर बूम नीचे रख दिए जायेंगे। इसके लिए यह आवश्यक है कि संबंधित जिला कलेक्टरों को सूचित किया जाए ताकि इन एलसी गेटों का उपयोग करने वाले यातायात को उचित रूप से विनियमित/मोड़ा जा सके।
- स्टेशनों के आसपास और साथ ही मध्य खंड में पटरियों के आसपास लगे होर्डिंग/बैनर को जहां भी संभव हो हटा दिया जाना चाहिए।