‘देव दीपावली’ पर क्या बोले पीएम मोदी

‘देव दीपावली’ पर क्या बोले पीएम मोदी…. मेरे परिवारजनों,कल 27 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है।इसी दिन ‘देव दीपावली’ भी मनाई जाती है।और मेरा तो मन रहता है कि …

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पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार 2023

एनएचपीसी को ‘पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार 2023‘ की ‘वार्षिक रिपोर्ट’ श्रेणी के अंतर्गत द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड ने ‘पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार 2023’ की …

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मन की बात की 107वीं कड़ी में प्रधानमंत्री का सम्बोधन

‘मन की बात’ में आपका स्वागत है।

मेरे प्यारे देशवासियो,नमस्कार, लेकिन आज 26 नवंबर हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं।आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने, मुंबई को, पूरे देश को, थर्रा कर रख दिया था। लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूँ। इस हमले में हमारे जो जांबांज वीरगति को प्राप्त हुए, देश आज उन्हें याद कर रहा है।

मेरे परिवारजनो, 26 नवंबर का आज का ये दिन एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। मुझे याद है, जब साल 2015 में हम बाबा साहेब आंबेडकर की 125वीं जन्मजयन्ती मना रहे थे, उसी समय ये विचार आया था कि 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।और तब से हर साल आज के इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। और हम सब मिलकरके, नागरिकों के कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए, विकसित भारत के संकल्प को जरुर पूरा करेंगे।

साथियो, हम सभी जानते हैं कि संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। श्री सच्चिदानंद सिन्हा जी संविधान सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य थे। 60 से ज्यादा देशों के संविधान का अध्ययन और लंबी चर्चा के बाद हमारे संविधान का Draft तैयार हुआ था। Draft तैयार होने के बाद उसे अंतिम रूप देने से पहले उसमें 2 हजार से अधिक संशोधन फिर किए गए थे। 1950 में संविधान लागू होने के बाद भी अब तक कुल 106 बार संविधान संशोधन किया जा चुका है। समय, परिस्थिति, देश की आवश्यकता को देखते हुए अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग समय पर संशोधन किए। लेकिन ये भी दुर्भाग्य रहा कि संविधान का पहला संशोधन,Freedom of Speechऔर Freedom of Expression के अधिकारों में कटौती करने के लिए हुआ था। वहीँ संविधान के 44 वें संशोधन के माध्यम से, Emergencyके दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया था।

मेरे परिवारजनों, राष्ट्र निर्माण की कमान जब जनता-जनार्दन संभाल लेती है, तो दुनिया की कोई भी ताकत उस देश को आगे बढ़ने से नहीं रोक पाती। आज भारत में भी स्पष्ट दिख रहाहै कि कई परिवर्तनों का नेतृत्व देश की 140 करोड़ जनता ही कर रही है। इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण हमने त्योहारों के इस समय में देखा है। पिछले महीने ‘मन की बात’ में मैंने Vocal For Local यानी स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर जोर दिया था। बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया। अब तो घर के बच्चे भी दुकान पर कुछ खरीदते समय यह देखने लगे हैं कि उसमें Made In India लिखा है या नहीं लिखा है।इतना ही नहीं Online सामान खरीदते समय अब लोग Country of Origin इसे भी देखना नहीं भूलते हैं।

मेरे परिवारजनों, हमारे युवा साथियों ने देश को एक और बड़ी खुशखबरी दी है, जो हम सभी को गौरव से भर देने वाली है। Intelligence, Idea और Innovation- आज भारतीय युवाओं की पहचान है। इसमें Technology के Combination से उनकी Intellectual Properties में निरंतर बढ़ोतरी हो,ये अपने आप में देश के सामर्थ्य को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण प्रगति है। आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 2022 में भारतीयों के Patent आवेदन में 31 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। World Intellectual Property Organisation ने एक बड़ी ही दिलचस्प Report जारी की है।

इतना ही नहीं, ये हमारे start-ups की ताकत और क्षमता को भी बढ़ाते हैं। आज हमारे स्कूली बच्चों में भी Innovation की भावना को बढ़ावा मिल रहा है। Atal tinkering lab, Atal innovation mission, कॉलेजों में Incubation Centers, start-up India अभियान,ऐसे निरंतर प्रयासों के नतीजे देशवासियों के सामने हैं। ये भी भारत की युवाशक्ति, भारत की innovative power का प्रत्यक्ष उदाहरण है। इसी जोश के साथ आगे चलते हुए ही, हम, विकसित भारत के संकल्प को भी प्राप्त करके दिखाएँगे और इसीलिए मैं बार बार कहता हूँ ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसन्धान’।

मेरे परिवारजनो, ‘स्वच्छ भारत’ अब तो पूरे देश का प्रिय विषय बन गया है मेरा तो प्रिय विषय है। युवाओं की एक टीम ने यहाँ ‘Project Surat’ इसकी शुरुआत की है। इसका लक्ष्य सूरत को एक ऐसा model शहर बनाना है, जो सफाई और sustainable development की बेहतरीन मिसाल बने। ‘Safai Sunday’ के नाम से शुरू हुए इस प्रयास के तहत सूरत के युवा पहले सार्वजानिक जगहों और Dumas Beach की सफाई करते थे। बाद में ये लोग तापी नदी के किनारों की सफाई में भी जी-जान से जुट गए और आपको जान करके खुशी होगी,देखते-ही-देखते इससे जुड़े लोगों की संख्या, 50 हजार से ज्यादा हो गई है।लोगों से मिले समर्थन से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा, जिसके बाद उन्होंने कचरा इकट्ठा करने का काम भी शुरू किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस टीम ने लाखों किलो कचरा हटाया है। जमीनी स्तर पर किए गए ऐसे प्रयास, बहुत बड़े बदलाव लाने वाले होते हैं।

मेरे परिवारजनों, आज दुनिया भर में skill development के महत्व को स्वीकार्यता मिल रही है। जब हम किसी को कोई Skill सिखाते हैं, तो उसे सिर्फ हुनर ही नहीं देते बल्कि उसे आय का एक जरिया भी देते हैं। और जब मुझे पता चला एक संस्था पिछले चार दशक से Skill Development के काम में जुटी है, तो मुझे और भी अच्छा लगा। ये संस्था, आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में है और इसका नाम ‘बेल्जिपुरम Youth club’ है। Skill development पर focus कर ‘बेल्जिपुरमYouth club’ ने करीब 7000 महिलाओं को सशक्त बनाया है।

साथियो, जब किसी एक लक्ष्य के लिए सामूहिक प्रयास होता है तो सफलता की ऊंचाई भी और ज्यादा हो जाती है। मैं आप सभी से लद्दाख का एक प्रेरक उदाहरण साझा करना चाहता हूँ। आपने पश्मीना शाल के बारे में तो जरुर सुना होगा। पिछले कुछ समय से लद्दाखी पश्मीना की भी बहुत चर्चा हो रही है। लद्दाखी पश्मीना Looms of Laddakh के नाम से दुनियाभर के बाजारों में पहुँच रहा है। आप ये जानकार हैरान रह जाएंगे कि इसे तैयार करने में 15 गाँवों की 450 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। पहले वे अपने उत्पाद वहां आने वाले पर्यटकों को ही बेचती थीं। लेकिन अब Digital भारत के इस दौर में उनकी बनाई चीजें, देश-दुनिया के अलग-अलग बाजारों में पहुँचने लगी हैं। यानि हमारा local अब global हो रहा है और इससे इन महिलाओं की कमाई भी बढ़ी है।

https://www.youtube.com/hashtag/pmmodi

बहुत-बहुत धन्यवाद।

नमस्कार।

 

क्या है एनएटीपीओएलआरईएक्स-IX

भारतीय तटरक्षक बल द्वारा 25 नवंबर 2023 को वाडिनार, गुजरात में 9वां राष्ट्रीय स्तरीय प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (एनएटीपीओएलआरईएक्स-IX) आयोजित किया गया था। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल और राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (एनओएसडीसीपी) के अध्यक्ष ने अभ्यास के दौरान सभी एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की। इस अभ्यास में केंद्रीय और तटीय राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, बंदरगाहों, तेल प्रबंधन एजेंसियों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अभ्यास में 31 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षकों और 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राष्ट्रीय स्तरीय प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (एनएटीपीओएलआरईएक्स-IX) ने राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (एनओएसडीसीपी) के प्रावधानों का उपयोग करके समुद्री तेल रिसाव के प्रत्युत्तर में विभिन्न संसाधन एजेंसियों के बीच तैयारियों और समन्वय के स्तर का परीक्षण करने के अपने उद्देश्य को पूरा किया।

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी Indian Coast Guard) ने समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए सतह के साथ-साथ वायु प्लेटफार्म को तैनात किया जिसमें प्रदूषण प्रतिक्रिया जहाज (पीआरवी), अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी), स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-III और डोर्नियर विमान शामिल हैं। इस कार्यक्रम ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न के अंतर्गत ‘मेक इन इंडिया’ के संदर्भ में भारत की औद्योगिक शक्ति का भी प्रदर्शन किया। प्रमुख बंदरगाहों जैसे हितधारकों ने समुद्री प्रदूषण से निपटने में समन्वित प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए अपनी समुद्री संपत्तियां भी तैनात की।

भारतीय तटरक्षक बल ने 07 मार्च 1986 को भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण की रक्षा के लिए जिम्मेदारियाँ संभाली, जब ये जिम्मेदारियाँ जहाजरानी मंत्रालय से स्थानांतरित कर दी गईं। तत्पश्चात, तटरक्षक बल ने समुद्र में तेल रिसाव आपदा से निपटने के लिए एनओएसडीसीपी स्थापित किया, जिसे वर्ष 1993 में सचिवों की समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। एनओएसडीसीपी तैयार करने के अलावा, तटरक्षक बल ने मुंबई, चेन्नई, पोर्ट ब्लेयर और वाडिनार में चार प्रदूषण प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए हैं।

भारतीय जल में तेल रिसाव आपदाओं के लिए तेल रिसाव प्रतिक्रिया हेतु एक मजबूत राष्ट्रीय प्रणाली भारत के लिए महत्वपूर्ण तैयारी है। वास्तव में, भारत की 75 फीसदी ऊर्जा जरूरतें तेल से पूरी होती हैं जिसे समुद्री मार्ग से हमारे देश में आयात किया जाता है। जहाजों द्वारा तेल परिवहन निहित जोखिमों से भरा होता है और जहाज मालिकों के साथ-साथ बंदरगाह के अंदर तेल प्राप्त करने वाली सुविधाओं दोनों द्वारा सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता होती है। यद्यापि, समुद्री दुर्घटनाओं और समुद्र के अप्रत्याशित खतरों के द्वारा तेल प्रदूषण का खतरा सर्वव्यापी है।

भारतीय तटरक्षक बल भारतीय जल में तेल रिसाव से निपटने के लिए केंद्रीय समन्वय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।

PIB, DELHI